प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत, विकसित पूर्वोत्तर’ का विजन होगा साकार
प्रधानमंत्री के पहल पर एक्ट ईस्ट नीति के तहत 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ असम में टाटा की सेमीकंडक्टर इकाई का निर्माण हुआ शुरू। ये जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। देश भर में 113 शैक्षणिक संस्थानों में सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में 85,000 उद्योग हेतु तैयार कार्यबल को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
नयी दिल्ली : भारत में अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर विनिर्माण संबंधी इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, असम में टाटा की सेमीकंडक्टर इकाई के निर्माण की शुरुआत का समारोह असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस लिमिटेड के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन की उपस्थिति में आयोजित किया गया। केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने हमेशा एक्ट ईस्ट नीति पर जोर दिया है और आज इस इकाई के निर्माण की शुरुआत के साथ असम में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को 29 फरवरी, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया था।
भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम 21.12.2021 को 76,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था। जून, 2023 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए माइक्रोन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसका निर्माण तेजी से चल रहा है।
सेमीकंडक्टर इकाई के बारे में
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 27 हजार करोड़ रुपये के निवेश से यह इकाई स्थापित की जाएगी और इससे 15 हजार प्रत्यक्ष और 11-13 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह एक आधारभूत उद्योग है और इससे विभिन्न अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस इकाई की प्रस्तावित क्षमता प्रतिदिन 4.83 करोड़ सेमीकंडक्टर चिप्स है। उन्होंने यह भी बताया कि यह इकाई स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए स्थल होगी, जिसमें वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप और आई-एसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियां शामिल हैं और इस संयंत्र में तैनात की जाने वाली ये तीनों प्रमुख प्रौद्योगिकियां भारत में विकसित की जा रही हैं। ये प्रौद्योगिकियां ऑटोमोटिव (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), संचार, नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य जैसे प्रमुख अनुप्रयोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
प्रतिभा विकास योजना
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि देश भर में 113 शैक्षणिक संस्थानों में सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी स्तर पर उद्योग हेतु तैयार 85,000 कार्यबल को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इनमें से 9 पूर्वोत्तर में हैं। असम में सिलचर , मिजोरम , मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, अगरतला, सिक्किम , अरुणाचल प्रदेश , मेघालय में शिलांग है।
इस घोषणा में पूर्वोत्तर की प्रगति में तेजी लाने और भारत के प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत, विकसित पूर्वोत्तर’ के विजन को साकार करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
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Author: Goa Samachar
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