डोना पौला : गोवा के राज्यपाल श्री पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि बेहतर होगा कि पढ़ाई का माध्यम मातृभाषा हो। उन्होंने कहा कि विषय वस्तु को मातृभाषा में बनाने से भाषा को समृद्ध करना और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना संभव है।
राज्यपाल राजभवन में केंद्रीय साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार विजेता कोंकणी कवयित्री श्रद्धा गराड की चार पुस्तकों का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
श्रद्धा गराड द्वारा लिखित किड्स एंड डिसिप्लिन (अंग्रेजी), मंकुलिम अनी शिस्ट (ब्रेल कोंकणी) का विमोचन राज्यपाल श्रीधरन पिल्ले के हाथों किया गया। देवनागरी में कोंकणी पुस्तक और मलयालम में अनुवाद एक साथ जारी किया गया।
आगे बोलते हुए राज्यपाल ने कहा, वह गोवा के लिए एक राष्ट्रीय संपत्ति हैं और दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। राज्यपाल ने कहा कि राज्यपाल ने उनके इलाज के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है और भविष्य में भी उनका समर्थन करेंगे।
ज्ञानपीठ विजेता दामोदर मौजो, पाचू मेनन, गजानन वेलिप और श्रद्धा गराड को पुस्तकों की पहली प्रतियां प्राप्त हुईं।
राज्यपाल के सचिव श्री एम. आर. एम. राव, आईएएस, ने समारोह में भाग लिया।
श्रद्धा गराड ने राज्यपाल के सभी सहयोग के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने पुस्तक को ब्रेल में परिवर्तित करने के लिए सुनेत्रा जोग और मलयालम में पुस्तक का अनुवाद करने के लिए श्री आर.एस.भास्कर को धन्यवाद दिया।
राज्यपाल ने चिकित्सा उपचार करा रही श्रद्धा गराड को 50000/- रुपये की वित्तीय सहायता सौंपी।
इससे पहले दिनेश मानेरकर ने अतिथियों का स्वागत किया।
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Author: Goa Samachar
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