Edition

Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

‘ग्रामीण उद्यमियों को डिजिटल दुनिया की ओर सक्षम बनाना’ / पायलट प्रोजेक्ट सफलता पूर्वक संपन्न


पणजी :एसोचैम, गोवा राज्य विकास परिषद जीएसआरएलएम (गोवा राज्य ग्रामीण) के सहयोग से आजीविका मिशन एवं डीआरडीए (जिला ग्रामीण विकास एजेंसी), गोवा सरकार द्वारा 6 मार्च 2024 को ‘डिजिटल दुनिया की ओर ग्रामीण-उद्यमियों को सक्षम बनाना’ नाम की परियोजना सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। समापन समारोह में मुख्य अतिथि श्रीमती डेलिया लोबो, विधायक और उपाध्यक्ष, एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा और श्रीमती दीपाली नाइक, अध्यक्ष, परियोजना निदेशक, डीआरडीए, दक्षिण गोवा की सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रही । परियोजना जेनो फाउंडेशन और वायग्र द्वारा समर्थित था और संबद्ध भागीदार एवं रिफ्रेशमेंट पार्टनर के रूप में ‘डेज़र्ट एन मोर’ था। इस परियोजना में संस्थान पार्टनर नारायण झांटे कॉलेज ऑफ कॉमर्स, बिचोलिम और श्री मल्लिकार्जुन और श्री चेतन
मंजू देसाई कॉलेज, कैनाकोना था ।
इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमियों को सशक्त बनाना , उन्हें सोशल मीडिया पर अपने व्यवसाय को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए डिजिटल साक्षरता, डिजिटल कौशल और क्षमता निर्माण प्लेटफ़ॉर्म और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को ऑनलाइन जानना और सीखना था। यह परियोजना 3 महीने पहले पाले-कोटांबी , बिचोलिम में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शुरू की गई थी। उत्तरी गोवा के लिए और लोलीम, दक्षिणी गोवा के लिए कैनाकोना। परियोजना श्रीमती सुलक्षणा प्रमोद सावंत, अध्यक्ष, पद्मिनी फाउंडेशन और रमेश तवाडकर, अध्यक्ष, गोवा विधान सभा की उपस्तिथि में जिसे 3 महीने पहले लॉन्च किया गया था।
श्रीमती पल्लवी सालगांवकर, अध्यक्ष, महिला अधिकारिता, एसोचैम गोवा राज्य विकास परिषद् ने अपने सम्बोधन में गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया तथा विस्तृत जानकारी प्रदान की। अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि इस पहल ने 15 ग्रामीण उद्यमियों को और 15 छात्र स्वयंसेवक एक साथ लाया है ,जिन्होंने सूक्ष्म उद्यमियों को लगातार व्यावसायिक गतिविधियाँ प्रदान करने में सक्षम बनाया है।
गोवा के सुदूर ग्रामीण इलाकों में जहाँ वेब और सोशल मीडिआ का सेटअप मौजूद नहीं था। हमें उम्मीद है महिला उद्यमियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और सीखने की इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए जिसे हमने शुरू किया है। महीनों पहले और उन्हें आगे ले जाने के लिए हाथ थाम लिया। यदि, उन्हें किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है और वे हमसे संपर्क करते हैं तो हमें उनकी सहायता करने में खुशी होगी।”
एसोचैम और डीआरडीए के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती डेलिया लोबो कहा कि, ‘इस वैश्वीकृत दुनिया में, किसी देश के ग्रामीण विकास में महिलाएं किसी देश की आर्थिक वृद्धि पूरी तरह से महिला भागीदारी पर निर्भर करती है। महिलाएं अर्थव्यवस्था में आवश्यक योगदानकर्ता हैं और सफल उद्यमी साबित हुई हैं और उच्च दर पर अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर रही हैं। बस उन्हें आत्मविश्वासी बनने, खुद पर भरोसा करने और सकारात्मक सक्रिय मानसिकता रखने की जरूरत है।’ उन्होंने आगे कहा कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना गरीब ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका में सुधार करने से मदद मिलेगी। श्रीमती लोबो ने प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये और सभी छात्र स्वयंसेवकों को उनके ईमानदार प्रयासों को स्वीकार करते हुए बधाई दी ।

श्रीमती दीपाली नाइक ने जीएसआरएलएम के उद्देश्यों की हालिया पहल पर प्रकाश डाला और ग्रामीण ढांचा को सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं और एसोचैम के संयुक्त प्रयास और आयोजन टीम को बधाई दी।
उन्होंने आगे कहा कि ‘इस परियोजना को तैयार करना और इसके उद्देश्य को पूरा करने के लिए डीआरडीए के साथ जुड़ना यह एक अद्वितीय परियोजना, उन प्रकारों में से एक जिसमें सरकार, शिक्षा और ग्रामीण शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण की दिशा में एक साथ काम करने के लिए उद्यमी एक मंच पर आएं।’ उन्होंने आगे कहा ‘इस परियोजना में सही उम्र में जिम्मेदारी से स्वयंसेवक के रूप में छात्रों की भागीदारी ने उन्हें अपनी सामाजिक अलख जगाने में मदद की है। ‘
श्रीमती सोनम भगत, संस्थापक एवं सीईओ, वायग्र ने जमीनी स्तर पर टीम के प्रयासों पर प्रकाश डाला। एक इंटरैक्टिव सत्र में मेजबानी की गई जिसमें दर्शकों और सभी महिला उद्यमी शामिल हुई।
स्वयंसेवकों ने इस परियोजना को क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. राजेंद्र के, प्राचार्य नारायण झांटे कॉलेज, बिचोलिम और श्रीमती सुचेता नाइक, प्राचार्या श्री. मल्लिकार्जुन और श्री. चेतन मंजू देसाई कॉलेज, कैनाकोना ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक संस्थान इस प्रकार की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जिसमे ऐसी परियोजनाएं जो ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करने का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।
महिला सशक्तिकरण, एसोचैम गोवा परिषद के सदस्य श्रीमती श्वेता चारी, संस्थापक तरंग ने संचालन एवं निर्देशन किया। डॉ. जानवी प्रभुदेसाई, संस्थापक, HRISHIVED ने वोट ऑफ़ थैंक्स का प्रस्ताव रखा श्रीमती गौरी जोशी , संस्थापक, भावेवा भी उपस्थित थीं।
15 सशक्त ग्रामीण उद्यमि सुषमा उस्गांवकर, दीपक सलगांवकर, विभा विष्णु गवास, सपना नितिन पारसेकर, निशिता गवास, आनंदी परब, माया महेश परब, क्रांति परब, राजेंद्र चारी, नीरज चारी, रूपा रघुनाथ भट, स्नेहा सुधाकर गावस, रोहिणी चारी, स्वाति नाइक और रश्मी पेटकर की उपस्थिति ने आयोजन को ख़ास बना दिया . ये ग्रामीण उद्यमी विविध व्यावसायिक गतिविधियों में लगे हुए है जैसे नवजात शिशु के परिधान बनाना, सिलाई, खानपान सेवाएं, बढ़ईगीरी, कुनबी साड़ी बुनाई, भोजन , गोवन ब्रांड, कृत्रिम आभूषण डिजाइनिंग, मोमबत्ती बनाना, सूखी मछली बनाना, बिस्तर लिनेन, कॉयर मैट, कढ़ाई आदि कामों को निपुणता से कर रही है।

Goa Samachar
Author: Goa Samachar

GOA SAMACHAR (Newspaper in Rajbhasha ) is completely run by a team of woman and exemplifies Atamanirbhar Bharat, Swayampurna Goa and women-led development.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

  • best news portal development company in india
  • buzzopen
  • sanskritiias