नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021-22 से 2025 की अवधि के दौरान 1179.72 करोड़ रुपये की कुल लागत पर ‘महिलाओं की सुरक्षा’ पर अंब्रेला योजना के कार्यान्वयन को जारी रखने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 26.1179.72 करोड़ रुपये के कुल परियोजना परिव्यय में से, कुल 885.49 करोड़ रुपये गृह मंत्रालय द्वारा अपने बजट से प्रदान किए जाएंगे और 294.23 करोड़ रुपये निर्भया फंड से वित्त पोषित किए जाएंगे।
किसी देश में महिलाओं की सुरक्षा कई कारकों का परिणाम है जैसे सख्त कानूनों के माध्यम से कठोर निवारण, न्याय की प्रभावी डिलीवरी, समय पर शिकायतों का निवारण और पीड़ितों के लिए आसानी से सुलभ संस्थागत सहायता संरचनाएं। भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधन के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों में कड़ी रोकथाम प्रदान की गई।
महिला सुरक्षा की दिशा में अपने प्रयासों में, भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से कई परियोजनाएं शुरू की हैं। इन परियोजनाओं के उद्देश्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में समय पर हस्तक्षेप और जांच सुनिश्चित करने और ऐसे मामलों में जांच और अपराध की रोकथाम में उच्च दक्षता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तंत्र को मजबूत करना शामिल है।
भारत सरकार ने “महिलाओं की सुरक्षा” के लिए अम्ब्रेला योजना के तहत निम्नलिखित परियोजनाओं को जारी रखने का प्रस्ताव दिया है:
-112 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) 2.0;
-राष्ट्रीय फोरेंसिक डेटा सेंटर की स्थापना सहित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं का उन्नयन;
-राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) में डीएनए विश्लेषण, साइबर फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करना;
-महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम;
-महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए जांचकर्ताओं और अभियोजकों की क्षमता निर्माण -और प्रशिक्षण; और
-महिला सहायता डेस्क एवं मानव तस्करी विरोधी इकाइयाँ।
विकसित भारत के चार स्तंभ किसान , गरीब युवा और महिलाओं के उथ्थान पर हर केंद्र सरकार का विशेष जोर।
Author: Goa Samachar
GOA SAMACHAR (Newspaper in Rajbhasha ) is completely run by a team of woman and exemplifies Atamanirbhar Bharat, Swayampurna Goa and women-led development.