डोना पौला : गोवा के राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने “विकसित भारत @ 2047- युवाओं की आवाज” कार्यक्रम में भाग लिया, जिसे आज राजभवन के नए दरबार हॉल में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तुतः संबोधित किया है।
लॉन्च के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया, जो इस पहल की शुरुआत का प्रतीक होगा।
संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज’ कार्यशाला युवा शक्ति के लिए विकसित भारत की यात्रा में सक्रिय रूप से शामिल होने और योगदान देने का एक अद्भुत मंच है।
प्रधानमंत्री ने प्रेरणा के स्रोत के रूप में स्वतंत्रता के लिए गौरवशाली संघर्ष को दोहराया। उन्होंने कहा कि उस समय के दौरान प्रत्येक प्रयास जैसे कि सत्याग्रह, क्रांतिकारी पथ, असहयोग, स्वदेशी और सामाजिक और शैक्षिक सुधार स्वतंत्रता की दिशा में थे। इस काल में काशी, लखनऊ, विश्व भारती, गुजरात विद्यापीठ, नागपुर विश्वविद्यालय, अन्नामलाई, आंध्र और केरल विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों ने राष्ट्र की चेतना को मजबूत किया।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के सपने को हकीकत में बदलने के लिए भारत की युवा शक्ति में विश्वास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, वॉयस ऑफ यूथ की पहल का उद्देश्य विकसित भारत के निर्माण के लिए युवाओं को एकीकृत करना है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, आज देश का लक्ष्य विकसित भारत, सशक्त भारत है। उन्होंने कहा कि जब तक विकसित भारत का यह सपना पूरा नहीं हो जाता, हम रुक नहीं सकते।
हमारे सामने 25 साल का अमृत काल है। हमें विकसित भारत के लक्ष्य के लिए 24 घंटे काम करना है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हमें एक परिवार के रूप में यही माहौल बनाना है।
इससे पहले भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वागत किया।
इसके बाद, राज्यपाल के सचिव, एम. आर. एम. राव, आईएएस, ने मेहमानों का स्वागत किया और अंत में उन्होंने विकसित भारत @2047: वॉयस ऑफ यूथ कार्यक्रम के लिए संचार योजना पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को विकसित भारत 2047 में योगदान देने के तरीके के बारे में बताया।
प्रधानमंत्री के संबोधन के तुरंत बाद गोवा के राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने कहा, विकसित भारत का दृष्टिकोण देश के युवाओं को देश की राष्ट्रीय योजनाओं, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल करना है। इस दृष्टिकोण के अनुरूप वॉयस ऑफ यूथ पहल देश के युवाओं को विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
कार्यशाला का महत्व बताते हुए श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने उल्लेख किया कि कार्यशालाएँ विकसित भारत @2047 के लिए अपने विचारों और सुझावों को साझा करने के लिए युवाओं को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा, माननीय प्रधानमंत्री सदैव छात्रों से वांछित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अधिकतम प्रयास करने का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि छात्र हमारे देश की परिकल्पना और देश का भविष्य हैं।
राज्यपाल ने कहा, विकसित भारत@2047 का लक्ष्य भारत को उसकी आजादी के 100वें साल यानी 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है।
कार्यक्रम के भाग के रूप में, “नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी” विषय पर आयोजित पैनल चर्चा में पैनलिस्ट प्रोफेसर हरिलाल बी मेनन, कुलपति, गोवा विश्वविद्यालय प्रोफेसर ओ.आर. थे। जयसवाल, निदेशक, एनआईटी, प्रो. बी.के. मिश्रा, निदेशक, आईआईटी, प्रोफेसर सुमन कुंडू, निदेशक, बिट्स पिलानी, गोवा परिसर।
बाद में, डॉ. विकास पिस्सुरलेकर, डॉ. प्रीता माल्या, डॉ. धनुष कामत, प्रो. एम.के. जनार्दन और प्रो. विट्ठल तिलवे ने राजभवन के न्यू दरबार हॉल में एक अन्य सत्र में भाग लिया।
समारोह का संचालन श्रीमती मानसी चांदगडकर ने किया और श्री संदेश गड़करी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
Author: Goa Samachar
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