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ऐतिहासिक है नारी शक्ति वंदन अधिनियम / आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण

PM thanks all the Rajya Sabha MPs who voted for the Nari Shakti Vandan Adhiniyam at Parliament House, in New Delhi on September 21, 2023.

नयी दिल्ली : नारी शक्ति वंदन अधिनियम – ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। राज्यसभा ने 20 सितम्बर को ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी, जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। विधेयक पारित किए जाने के दौरान उच्च सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद रहे। राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 215, जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। इससे एक दिन पहले 19 सितम्बर को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ था।
बिल के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी ज़ाहिर की और सदन में कहा ,” मैं सभी माननीय सांसदों ने अपनी बात के प्रारंभ में तो पहले ही कहा है कि हम इसका समर्थन करते हैं और इसके लिए मैं सबका हृदय से अभिनंदन करता हूँ, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। ये जो स्पिरिट पैदा हुई है, ये स्पिरिट देश के जन-जन में एक नया आत्‍मविश्‍वास पैदा करेगा और हम सभी माननीय सांसदों ने और सभी राजनीतिक दलों ने एक बहुत बड़ी अहम भूमिका निभाई है। नारी शक्ति को एक विशेष सम्मान, सिर्फ विधेयक पारित होने से मिल रहा है, ऐसा नहीं है। इस विधेयक के प्रति देश के सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्‍ति को एक नई ऊर्जा देने वाली है। ये एक नए विश्वास के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने में नेतृत्व के साथ आगे आएगी, ये अपने आप में भी हमारे उज्ज्वल भविष्‍य की गारंटी बनने वाली है। ”
उन्होंने ट्वीट कर लिखा ,”“हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण! 140 करोड़ भारतीयों को बधाई. मैं उन सभी राज्य सभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया. इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में ख़ुशी देने वाला है.”
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।
भारत में महिला प्रतिनिधित्व की स्थिति पर डालते है एक नज़र। ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 के अनुसार, राजनीतिक सशक्तिकरण (संसद और मंत्री पदों पर महिलाओं का प्रतिशत) आयाम में भारत 146 में से 48वें स्थान पर है।
वर्तमान में, भारतीय संसद में लगभग 14.4 प्रतिशत महिलाएँ हैं, जो अब तक सबसे अधिक है। वोटिंग शेयर में सुधार: 2019 के सबसे हालिया लोकसभा चुनाव में पुरुषों के बराबर ही महिलाओं ने मतदान किया, जो राजनीति में लैंगिक समानता की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

Goa Samachar
Author: Goa Samachar

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