गोवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने आयोजित किया सेमिनार : ऐतिहासिक GST 2.0 सुधारों पर हुई चर्चा

इन सुधारों से न केवल अनुपालन आसान होगा बल्कि भारत की “Ease of Doing Business” स्थिति भी मजबूत होगी – मुख्यमंत्री डॉ सावंत

गोवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने आयोजित किया सेमिनार : ऐतिहासिक GST 2.0 सुधारों पर हुई चर्चा

पणजी : गोवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने सुरेंद्रबाबू टिंब्लो कन्वेंशन हॉल, पणजी में जीएसटी परिषद की बैठक 3 सितंबर 2025 में घोषित ऐतिहासिक GST 2.0 सुधारों पर एक सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत मुख्य अतिथि रहे, जबकि एसजीएसटी गोवा के आयुक्त सरप्रीत सिंह गिल, आईएएस, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
अपने स्वागत भाषण में GCCI की अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा धोंड ने इन सुधारों को “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया। उन्होंने कहा,
“GST परिषद ने वास्तव में GST 2.0 की शुरुआत की है – एक ऐसा सुधार जो भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल, तार्किक और मजबूत बनाता है। GCCI लंबे समय से GST स्लैब्स में तार्किकता और प्रक्रियाओं के सरलीकरण की मांग करता रहा है, और हमें खुशी है कि उद्योग-व्यापार की इन पुरानी मांगों को अब संबोधित किया गया है।”
उनहोंने विशेष रूप से 5% और 18% की दो स्लैब संरचना और केवल लक्ज़री व पाप वस्तुओं पर 40% स्लैब लागू किए जाने को सराहा। उनके अनुसार यह साहसिक किंतु संतुलित कदम स्थिरता लाएगा, अनुपालन को बढ़ावा देगा और अनावश्यक मुकदमों को कम करेगा। साथ ही, GST अपीलीय न्यायाधिकरण (Appellate Tribunal) की शुरुआत से पारदर्शिता और कारोबार सुगमता को नई दिशा मिलेगी।
श्रीमती धोन्द ने बताया कि इन सुधारों से समाज के सभी वर्ग लाभान्वित होंगे: एमएसएमई को अनुपालन लागत में कमी से राहत, घरेलू उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुओं पर कम GST का फायदा, स्वास्थ्य और बीमा सेवाएं सस्ती हुईं, किसानों, कारीगरों और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को कृषि उपकरण, हस्तशिल्प, चमड़ा, संगमरमर व वस्त्रों पर कर में कमी से लाभ और समग्र अर्थव्यवस्था को 20–50 बेसिस प्वाइंट तक अतिरिक्त जीडीपी वृद्धि का लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर GCCI के मानद सचिव सीए रोहन भंडारे ने कहा कि कार्यक्रम में जबरदस्त उत्साह और हॉल का खचाखच भरा होना इन सुधारों की ऐतिहासिक प्रकृति को दर्शाता है। उन्होंने उल्लेख किया कि यह दिन विशेष है क्योंकि 3 सितंबर को न केवल GST 2.0 की घोषणा हुई बल्कि इसी दिन GCCI ने अपना 118वां स्थापना दिवस भी मनाया।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि 22 सितंबर तक लागू होने वाले सुधारों की अल्प समयसीमा को देखते हुए उद्योग जगत को पर्याप्त सहयोग दिया जाए ताकि अतिरिक्त लागत का बोझ न बढ़े।
विशिष्ट अतिथि सरप्रीत सिंह गिल, आईएएस, ने कहा कि इन सुधारों में सहमति बनाने में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मुख्यमंत्री न केवल मार्गदर्शन करते हैं बल्कि धैर्यपूर्वक विचार भी सुनते हैं और अधिकारियों के सुझावों पर अमल करते हैं।
अपने मुख्य संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने GST 2.0 की प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख किया: निर्यात और उल्टे शुल्क ढांचे पर 90% अग्रिम रिफंड, छोटे व ई-कॉमर्स आपूर्तिकर्ताओं के लिए सरल पंजीकरण प्रक्रिया और लंबे समय से प्रतीक्षित GST अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का संचालन।
उन्होंने कहा कि इन सुधारों से न केवल अनुपालन आसान होगा बल्कि भारत की “Ease of Doing Business” स्थिति भी मजबूत होगी। गोवा के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है क्योंकि यहां एमएसएमई, निर्यातक, पर्यटन आधारित सेवाएं और छोटे व्यापारी बड़ी संख्या में हैं।
डॉ. सावंत ने जोर देकर कहा, “गोवा को प्रतिस्पर्धी बनाना, निवेश आकर्षित करना और टिकाऊ रोजगार सृजित करना अब हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। व्यवसायों और उद्योग जगत को नए ढांचे के अनुसार तुरंत तैयार होना होगा। गोवा सरकार हर कदम पर आपके साथ है ताकि राज्य विकास और सुशासन का मॉडल बन सके।”

गोवा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने आयोजित किया सेमिनार : ऐतिहासिक GST 2.0 सुधारों पर हुई चर्चा

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने GCCI की स्मारिका “A Historic Convergence on 3rd September 2025: GCCI’s 118th Foundation Day & the launch of GST 2.0 Reforms” का विमोचन भी किया।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र आयोजित हुआ जिसमें सीए गौरव केंक्रे ने GST परिषद के मुख्य प्रस्तावों की जानकारी दी। इसके बाद विषांत गाउनकर (अतिरिक्त आयुक्त, एसजीएसटी गोवा) और सीए गौरव केंक्रे के साथ एक पैनल चर्चा हुई, जिसका संचालन सीए यतीश पाई वर्नकर (सह-अध्यक्ष, कर एवं वित्तीय सेवाएं समिति) ने किया। चर्चा में उल्टे शुल्क ढांचे, दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाना, नॉन-ITC प्रणाली में संक्रमण, MRP आधारित उत्पादों पर प्रभाव और उद्योगों के लिए आवश्यक कदम जैसे मुद्दे शामिल रहे।
कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र और सीए अतिन्द्र प्रभु भाटीकर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस आयोजन का समन्वयन
किरण बल्लिकर (निदेशक, GCCI) ने किया।

Goa Samachar
Author: Goa Samachar

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