गोवा की आत्मा ने जीता वैश्विक सम्मान !

पणजी : गोवा की जानी-मानी कंपनी स्प्रिंगफील्ड्स (इंडिया) डिस्टिलरीज़, जो एक स्वदेशी उद्यम है, ने भारतीय स्पिरिट उद्योग के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। कंपनी की प्रीमियम पेशकश ‘मकाबी-माज़ल रम एंड स्पाइस’ ने हांगकांग में आयोजित ‘एशिया वाइन चैलेंज’ में एक और ‘गोल्ड मेडल’ जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि न केवल गोवा बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
इससे पहले इसी वर्ष, मकाबी-माज़ल को लंदन में आयोजित प्रतिष्ठित यूरोपियन स्पिरिट्स चैलेंज 2025 में गोल्ड मेडल से नवाज़ा गया था — यह सम्मान पाने वाली पहली भारतीय रम बनी।
यूरोपियन स्पिरिट्स चैलेंज, अपने कठोर ‘ट्रिपल ब्लाइंड टेस्टिंग मेथड’ के लिए प्रसिद्ध है, जहां विश्व की शीर्ष ब्रांड्स जैसे Courvoisier और Talisker जैसी दिग्गज कंपनियों के बीच मुकाबला होता है। इन ब्रांड्स को पछाड़कर मकाबी-माज़ल का विजेता बनना, इसकी अद्वितीय गुणवत्ता और शिल्पकला का प्रमाण है। एशिया वाइन चैलेंज में लगातार मिली जीत, जिसमें एशिया के सबसे प्रभावशाली जज और खरीदार शामिल थे, इसके अंतरराष्ट्रीय आकर्षण को और पुख्ता करती है।
स्प्रिंगफील्ड्स (इंडिया) डिस्टिलरीज़ के मैनेजिंग पार्टनर मारियो सेक्वेरा ने कहा — “यह सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि पूरे भारतीय रम उद्योग की ऐतिहासिक जीत है। इन पुरस्कारों ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय कला और परंपरा विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सकती है। यूरोपियन स्पिरिट्स चैलेंज से मिली मान्यता हमारे समर्पण और गुणवत्ता का सच्चा प्रमाण है। हमारा उद्देश्य ऐसी स्पिरिट्स तैयार करना है जो उम्मीदों से परे जाकर भारत की कहानी को विश्व तक पहुँचाए।”
मकाबी-माज़ल की आत्मा कोंकण तट की समृद्ध विरासत में निहित है। इसका मूल सूत्र इसके संस्थापक डॉ. एंटोनियो सेक्वेरा द्वारा 1940 के दशक में विकसित किया गया था। उन्होंने गोवा की पारंपरिक “मसाला” संस्कृति — यानी हर परिवार के अनूठे मसाला मिश्रण — से प्रेरणा लेकर इसे तैयार किया। “माज़ल” नाम इस विरासत को सम्मान देता है, जो हर घूंट के साथ सौभाग्य और अविस्मरणीय अनुभव का वादा करता है।
यह रम गुड़ (मोलासिस) की मिठास और भारतीय मसालों के शानदार संगम का प्रतीक है — इलायची, दालचीनी, लौंग के गर्म स्वाद में काजू सेब, अदरक, जायफल और काली मिर्च के सूक्ष्म नोट्स घुले हैं। इसका हर घूंट गोवा के मसाला बाज़ारों की सैर कराता है — भारत के असली स्वाद को एक बोतल में समेटे हुए।
ये सम्मान केवल पुरस्कार नहीं हैं, बल्कि इस बात का प्रमाण हैं कि गोवा और भारत की असली खुशबू अब विश्व के प्रीमियम स्पिरिट्स मंच पर अपना मुकाम बना चुकी है।
स्प्रिंगफील्ड्स (इंडिया) डिस्टिलरीज़ में ऐसी कई चीज़े है जो इसे ख़ास बनती है। यह प्रतिष्ठित टोनीय समूह (Tonia Group) का हिस्सा है। गोवा स्थित यह कंपनी उच्च गुणवत्ता वाली स्पिरिट्स के निर्माण में अग्रणी है। इसकी नींव 1971 में रखी गई थी, जब संस्थापक डॉ. एंटोनियो सेक्वेरा ने टोनीय इंडस्ट्रीज़ की स्थापना की थी और काजू व नारियल फेणी के निर्माण की शुरुआत की। उनका ब्रांड Tonia Pick Coffee आज भी याद किया जाता है।
1985 में उनके ज्येष्ठ पुत्र एलेक्सो सेक्वेरा के नेतृत्व में समूह ने भारतीय व्हिस्की, ब्रांडी, रम और जिन के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया। बाद में उन्होंने वाइन और लिकर के निर्माण में भी प्रवेश किया। कंपनी के दूसरे पुत्र नॉर्मन सेक्वेरा ने ब्रांड्स के प्रारंभिक मार्केटिंग और बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
समूह की प्रसिद्ध San Andre लिक्यूर और वाइन की श्रृंखला ने इसे व्यापक पहचान दिलाई। समूह की वाइन और स्पिरिट इकाई में Tonia Liquor Industries, Springfields (India) Distilleries, Tonia Winery & Vineyards Pvt. Ltd. जैसे निर्माण केंद्र और Tonia Sales Agency जैसी ट्रेडिंग फर्म शामिल हैं, जो वाइन, स्पिरिट्स और बीयर के आयात का कार्य भी करती है।
मकाबी-माज़ल की यह वैश्विक सफलता इस बात का प्रमाण है कि गोवा की आत्मा और भारतीय शिल्पकला अब विश्व मंच पर चमक रही है।

Author: Goa Samachar
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