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फिल्म फेस्टिवल्स से मिलता है भारत को ख़ास पहचान : अंकिता मिश्रा, सीइओ, इएसजी

#IFFIGOA54

पणजी : “इस तरह के फेस्टिवल गुणवत्ता पर्यटन को बढ़ावा देते है। अंतराष्ट्रीय पर्यटक आते है। फिल्म बिज़नेस को मदद मिलती है। गोवा फिल्मो के लिए शूटिंग के लोकेशन मुहैय्या करती है। फिल्म फैटर्निटी को गोवा में बहुत कुछ है देने के लिए। साथ ही गोवा में सीखने की एक संस्कृति बन रही है मास्टर्स क्लास से ,जिससे यहाँ गोवा के और दूसरे जगह से आये युवा को सीखने को मिलता है। यह एक बढ़िया करियर प्रॉस्पेक्ट है उनके लिए। ” 54वें अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इफ्फी के बारे में प्रशानिक अधिकारी और एंटरटेनमेंट सोसाएटी ऑफ गोवा की सीइओ अंकिता मिश्रा का कहना है।
गोवा समाचार से बात करते हुए उन्होंने आगे बताया , “आपने देखा होगा कि फिल्म का पुराने समय से बड़ा रोल रहा है किसी भी देश को प्रभावित करने का। इंडियन फिल्म ने भी बतौर सॉफ्ट पावर फिल्म या दूसरे आर्ट फॉर्म में भी अपनी बात रखी है मजबूती से। ” बहरहाल ,  गोवा में इफ्फी की तैयारी अपने अंतिम चरण पर है।

वेद भारतीयों को आध्यात्मिक और नैतिक अस्तित्व के मूल सिद्धांतों को सिखाकर आध्यात्मिक अभिविन्यास प्रदान करते हैं। परिणामस्वरूप, वैदिक ऋषियों को दुनिया के पहले आध्यात्मिक गुरुओं के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए, क्योंकि उनके मंत्र अध्यात्मवाद के बीज से गूंजते हैं, और भारतीय देश अध्यात्मवाद के उद्गम स्थल के रूप में। भारत इसके अरबों लोग हैं। और यह कहना सुरक्षित है कि ये लोग परिभाषित करते हैं कि भारत में आध्यात्मिकता क्या है। देश में सबसे प्रमुख धर्म हिंदू, इस्लाम, ईसाई, बौद्ध, सिख और जैन हैं।
गोवा समाचार से बात करते हुए अंकिता मिश्रा ने बताया कि अध्यात्म और मजबूत भारत के वर्त्तमान दृष्टिकोण को भारतीय सिनेमा से काफी मदद मिलेगी। “देश के अंदर और देश के बाहर भी बहुत फायदा होगा। किताबे , फिल्मे इन्ही सब से पता चलता है कि देश क्या है, कैसा है- मैडिटेशन और अध्यात्म इन सब के बारे में। । बहुत फायदा होता है देश को , जो फेस्टिवल में नहीं आ पाते है मगर इन्ही से देश को पहचान मिलती है और वो एक पर्यटक की तरह आते है , जो देश को आर्थिक प्रगति भी देता है। आपको याद होगी वो फिल्म ईट, लव एंड प्रे। ” जूलिया रोबर्ट अभिनीत इस फिल्म में अध्यात्म की तलाश में वो भारत आती है। फिल्म को खूब सराहना मिली थी और भारत के आध्यात्मिकता को प्रचार मिला। ‘यह एक शाइनिंग एक्साम्पल है भारत के अध्यात्म को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मिली एक पहचान की ‘- यह कहते हुए प्रशासनिक अधिकारी अंकिता मिश्रा की आँखे भी चमक उठती है। उनका मानना है कि ‘देश की ख्याति’ के प्रचार प्रसार में ऐसे फेस्टिवल मायने रखते है और गोवा में होने वाला इफ्फी दुनिया भर के सीने प्रेमियों और फिल्म निर्माण से जुड़े लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र ,जिसमे शरीक होने का वो इंतेज़ार करते है।
गोवा में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के माध्यम से गोवा राज्य सरकार के साथ संयुक्त रूप से अपनी एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) के माध्यम से 20 फरवरी से 28 फरवरी, 2023 तक 54वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित किया जाएगा।
इफ्फी दुनिया के 14 सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता फीचर फिल्म समारोहों’ में से एक है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एफआईएपीएफ) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह विश्व स्तर पर फिल्म समारोहों को नियंत्रित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। कान, बर्लिन और वेनिस जैसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह ऐसे अन्य प्रतिष्ठित उत्सव हैं, जो इस श्रेणी के तहत एफआईएपीएफ द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

Goa Samachar
Author: Goa Samachar

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