पणजी: राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने आज राजभवन में आयोजित एक समारोह में कोंकणी पुस्तक कहानी संग्रह “वर्सल” के लिए प्रतिष्ठित “साहित्य अकादमी पुरस्कार” से सम्मानित होने पर डॉ. प्रकाश परिणकर को पारंपरिक शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
दर्शकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने समाज की संस्कृति को ऊपर उठाने की अपील करते हुए कहा कि साहित्य और संस्कृति के माध्यम से गोवा और देश के अन्य हिस्सों तक सटीक संदेश पहुंचाया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि साहित्य के माध्यम से लेखक समाज के लिए स्थायी निवेश का योगदान दे रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि देश की एकता बनाये रखने के लिए भाषा और कला को महत्वपूर्ण कारक माना जाता है। समाज को ऐसे अवसरों को अधिक महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे छात्र समुदाय को प्रेरणा मिलने के अलावा उभरते लेखकों का मनोबल भी बढ़ेगा।
पुस्तक “वर्सल” की विषयवस्तु पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि लेखक ने लघु कथाओं के माध्यम से ग्रामीणों की चिंताओं को उजागर किया है। राज्यपाल ने निष्कर्ष निकाला कि उनकी कहानियाँ मुख्य रूप से दबे-कुचले लोगों और गाँवों के लोगों की पीड़ाओं पर केंद्रित हैं, जो अंततः उनकी सफलता का कारण है।
उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गौडे ने कहा, मैं सदैव डॉ. पर्येंकर के साहित्य को दबे-कुचले लोगों की आवाज मानता हूं। उन्होंने बताया कि डॉ. पारयेकर की लेखन कला ज्यादातर जैव विविधता, ग्रामीण शिक्षा और लोककथाओं जैसे विषयों पर केंद्रित है।
इस अवसर पर ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता दामोदर मौजो, गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति हरिलाल मेनन, पुरस्कार विजेता डॉ. प्रकाश परिणकर ने भी अपने विचार रखे।
राज्यपाल के सचिव एम. आर. एम. राव, आईएएस, ने अतिथियों का स्वागत किया जबकि राज्यपाल के एडीसी विश्राम बोरकर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
Author: Goa Samachar
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