नयी दिल्ली : एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 कार्यक्रम को, निजी/सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और गैर सरकारी संगठनों/ट्रस्टों/सोसाइटियों आदि के साथ जुड़ने के लिए एक ढांचा तैयार करने हेतु लॉन्च किया गया था, ताकि संरक्षित स्मारकों में आगंतुकों के अनुभव को बढ़ाने और उन्हें स्वयं द्वारा की गई वित्तीय मदद के ज़रिए आगंतुक-अनुकूल बनाने के लिए सुविधाएं विकसित/प्रदान की जा सकें। इस कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा ऐसी संस्थाओं को कोई धनराशि आवंटित नहीं की जाती है।
सुविधाएं प्रदान करने का कार्य, भागीदार संस्थाओं द्वारा केवल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की मंजूरी के साथ और इसकी गहन निगरानी में किया जाता है, ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 कार्यक्रम के तहत गोद लेने के लिए उपलब्ध स्मारकों की सूची एक समर्पित पोर्टल पर प्रदर्शित की जाती है, जहां इच्छुक संस्थाओं को पंजीकरण कराना ज़रुरी है।
इस कार्यक्रम में एक प्रावधान है, जिसके तहत इच्छुक संस्थाओं से प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन “अनुमोदन और कार्यान्वयन समिति” द्वारा किया जाता है। भागीदार संस्थाओं द्वारा कार्य तभी किया जाता है, जब उक्त समिति से अनुमोदन मिल जाता है, और यह कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की कड़ी निगरानी में किया जाता है। इसके अलावा, कार्यक्रम के तहत, अर्ध-व्यावसायिक गतिविधियों के ज़रिए मिले पूरे राजस्व को एक समर्पित खाते में जमा करना ज़रुरी है, जिसका उपयोग केवल गोद लिए गए स्मारक को बनाए रखने, विकसित करने, संचालित करने के लिए किया जाता है। भागीदार संस्थाओं को इसके लिए अर्ध-वार्षिक आधार पर खाते का विधिवत लेखापरीक्षित विवरण पेश करना ज़रुरी है। एडॉप्ट ए हेरिटेज 2.0 कार्यक्रम के तहत, राज्य पुरातत्व विभागों और विश्वविद्यालयों के साथ जुड़ने का कोई प्रावधान नहीं है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।


Author: Goa Samachar
GOA SAMACHAR (Newspaper in Rajbhasha ) is completely run by a team of woman and exemplifies Atamanirbhar Bharat, Swayampurna Goa and women-led development.