
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी सुधार की सराहना करते हुए कहा कि इससे किसानों, एमएसएमई, व्यापारियों और मध्यम वर्ग को लाभ होगा तथा अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में भाग लिया। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक 3 सितंबर, 2025 को सुषमा स्वराज भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जीएसटी परिषद ने अन्य बातों के अलावा, जीएसटी कर दरों में बदलाव, व्यक्तियों, आम आदमी, आकांक्षी मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने और जीएसटी में व्यापार को सुगम बनाने के उपायों से संबंधित सिफारिशें कीं। शंकाओं के समाधान के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) भी जारी किए जा रहे हैं। 56वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गई सिफारिशें इस प्रकार हैं:
अ. वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में परिवर्तन
I. वस्तुओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
1) वस्तुओं की जीएसटी दरों में परिवर्तन
एचएसएन-वार दरों में परिवर्तन अनुलग्नक-I में और क्षेत्रवार दरों में परिवर्तन अनुलग्नक-II में दिए गए हैं।
2) वस्तुओं से संबंधित अन्य परिवर्तन
(i) यह निर्णय लिया गया है कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, अनिर्मित तंबाकू, ज़र्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू पर लेनदेन मूल्य के बजाय खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) पर जीएसटी लगाया जाएगा।
(ii) भारत के राष्ट्रपति के लिए राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा आयातित नई बख्तरबंद सेडान कार पर तदर्थ आईजीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर से छूट देने का निर्णय लिया गया है।
II. सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
1) सेवाओं की जीएसटी दरों में परिवर्तन
एचएसएन-वार दरों में परिवर्तन अनुलग्नक-III में और क्षेत्र-वार दरों में परिवर्तन अनुलग्नक-IV में दिए गए हैं।
2) सेवाओं से संबंधित अन्य परिवर्तन
(i) परिषद ने रेस्टोरेंट सेवाओं की कर-देयता के संदर्भ में ‘निर्दिष्ट परिसर’ की परिभाषा में स्पष्टीकरण जोड़ने की सिफारिश की है ताकि यह स्थिति स्पष्ट हो सके कि एक स्टैंड-अलोन रेस्टोरेंट स्वयं को ‘निर्दिष्ट परिसर’ घोषित नहीं कर सकता है और परिणामस्वरूप, आईटीसी के साथ 18% की दर से जीएसटी का भुगतान करने का विकल्प नहीं ले सकता है।
(ii) परिषद ने मूल्यांकन नियमों को लॉटरी टिकटों पर लागू कर दर में परिवर्तन के अनुरूप बनाने की सिफारिश की है। जीएसटी मूल्यांकन नियमों में कुछ संशोधन किए जा रहे हैं।
III. कार्यान्वयन की तिथि से संबंधित अनुशंसा
परिषद का विचार था कि वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में परिवर्तन 22 सितंबर 2025 से लागू किए जाने चाहिए। हालाँकि, क्षतिपूर्ति उपकर खाते के अंतर्गत दायित्व को पूरा करने हेतु धन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, परिषद ने निर्णय लिया कि जीएसटी दरों में परिवर्तन निम्नानुसार चरणबद्ध तरीके से लागू किए जा सकते हैं:
क) सेवाओं पर जीएसटी दरों में परिवर्तन 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
ख) पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, ज़र्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद, अनिर्मित तंबाकू और बीड़ी को छोड़कर सभी वस्तुओं की जीएसटी दरों में परिवर्तन 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
ग) पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, ज़र्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद, अनिर्मित तंबाकू और बीड़ी पर जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर की मौजूदा दरें लागू रहेंगी, जब तक कि क्षतिपूर्ति उपकर खाते के अंतर्गत ऋण और ब्याज भुगतान दायित्व पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाते।
घ) उपर्युक्त ग) के आधार पर, केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद के अध्यक्ष उपर्युक्त वस्तुओं के लिए परिषद द्वारा अनुमोदित जीएसटी की संशोधित दरों में परिवर्तन की वास्तविक तिथि तय कर सकते हैं। ङ) सीजीएसटी अधिनियम, 2017 में अपेक्षित संशोधन लंबित होने तक, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) प्रणाली द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण और जोखिम मूल्यांकन के आधार पर उलटे शुल्क ढांचे से उत्पन्न 90% अनंतिम रिफंड देने की संशोधित प्रणाली का प्रशासनिक रूप से कार्यान्वयन शुरू करेगा, जैसा कि शून्य-रेटेड आपूर्ति के कारण जोखिम आधारित अनंतिम रिफंड के मामले में होता है।
ख. व्यापार को सुगम बनाने के उपाय
1. प्रक्रिया सुधार
(i) जीएसटी परिषद ने व्यापार को सुगम बनाने के लिए विभिन्न निर्णय लिए हैं और विभिन्न उपायों की सिफ़ारिश की है। जीएसटी कानून और प्रक्रिया से संबंधित प्रक्रिया सुधार और अन्य उपाय अनुलग्नक-V में दिए गए हैं। इन प्रक्रिया सुधारों के कार्यान्वयन की तिथि यथासमय अधिसूचित की जाएगी।
2. वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) का संचालन
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) सितंबर के अंत से पहले अपील स्वीकार करने के लिए चालू हो जाएगा और इस वर्ष दिसंबर के अंत से पहले सुनवाई शुरू कर देगा। परिषद ने लंबित अपीलों को दायर करने की समय-सीमा के लिए 30.06.2026 की तिथि की भी सिफ़ारिश की है। जीएसटीएटी की प्रधान पीठ अग्रिम निर्णय के लिए राष्ट्रीय अपीलीय प्राधिकरण के रूप में भी कार्य करेगी। ये उपाय विवाद समाधान के लिए एक मज़बूत तंत्र प्रदान करके, अग्रिम निर्णयों में एकरूपता सुनिश्चित करके और करदाताओं को अधिक निश्चितता प्रदान करके जीएसटी के संस्थागत ढाँचे को महत्वपूर्ण रूप से मज़बूत करेंगे। इससे जीएसटी व्यवस्था के तहत विश्वास, पारदर्शिता और व्यापार करने में आसानी बढ़ेगी।
Author: Goa Samachar
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