जब भी पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा, उसे अपनी शर्मनाक हार की याद आ जाएगी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जम्मू -कश्मीर :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से कश्मीर घाटी अब भारत के विशाल रेल नेटवर्क से जुड़ गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने हमेशा गहरी श्रद्धा के साथ ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक’ कहते हुए मां भारती का आह्वान किया है, आज यह हमारे रेल नेटवर्क में भी एक वास्तविकता बन गई है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन परियोजना केवल एक नाम नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर की नई ताकत और भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक है। क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, उन्होंने चिनाब और अंजी रेल पुलों का उद्घाटन किया और जम्मू-कश्मीर के भीतर कनेक्टिविटी को बढ़ाते हुए वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाई। इसके अतिरिक्त, प्रधानम्नत्री मोदी ने जम्मू में एक नए मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला। उन्होंने कहा कि 46,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं जम्मू-कश्मीर में विकास को गति देंगी, जिससे प्रगति और समृद्धि आएगी। प्रधानमंत्री ने विकास और परिवर्तन के इस नए युग के लिए लोगों को शुभकामनाएं और बधाई दीं।
प्रधानमंत्री ने चिनाब रेल पुल के निर्माण से जुड़े लोगों के साथ परस्पर बातचीत की। राष्ट्र के लिए आधुनिक अवसंरचना के निर्माण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिष्ठित चिनाब रेल पुल पर तिरंगा फहराए जाने का जश्न मनाया और इसे अत्यंत राष्ट्रीय गौरव का क्षण बताया तथा इसे सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में भविष्य के बुनियादी ढांचे के निर्माण की भारत की बढ़ती क्षमता का प्रमाण बताया।
एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा; “चिनाब रेल पुल पर तिरंगा लहरा रहा है! यह अत्यंत गर्व की बात है कि यह पुल महत्वाकांक्षा और क्रियान्वयन का सहज मिश्रण है, जो सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में भविष्य के बुनियादी ढांचे के निर्माण की भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।”

नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। इसकी ऊंचाई एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक है। 1,315 मीटर में फैली इस्पात की यह आर्च संरचना उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक का महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारतीय इंजीनियरिंग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
दुर्गम इलाकों और मौसम की चरम स्थितियों को सहने के लिए डिज़ाइन किया गया यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवा की रफ्तार का सामना कर सकता है और इसे 120 साल तक टिकाऊ रहने के लिए निर्मित किया गया है। यह 1,486 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ, सिर्फ एक पुल भर नहीं है, बल्कि भारत की तकनीकी प्रगति का प्रतीक भी है। इसमें शून्य से 10 डिग्री कम से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान के लिए उपयुक्त स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जिससे मौसम की चरम स्थितियों में सुदृढ़ता सुनिश्चित होती है। इसकी स्ट्रक्चरल डिटेलिंग के लिए सबसे अत्याधुनिक ‘टेक्ला’ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया, जिससे डिजाइन और निष्पादन में उच्च स्तर की सटीकता संभव हुई।
इस पुल का मुख्य प्रभाव जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बेहतर बनाने पर पड़ेगा। इस पुल से वंदे भारत एक्सप्रेस के गुजरने से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर लगभग तीन घंटे रह जाएगा, जिससे वर्तमान में यात्रा में लगने वाले समय में दो से तीन घंटे की कमी आएगी। हिमालय की ऊबड़-खाबड़ भूमि पर मजबूती से खड़ा अंजी खड्ड पुल भारत का पहला केबल स्टेड रेलवे पुल है। यह चिनाब के दक्षिण में गहरी अंजी नदी घाटी में फैला है, जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन के कटरा बनिहाल खंड को जोड़ता है।
अंजी खड्ड पुल
हिमालय की ऊबड़-खाबड़ भूमि पर मजबूती से खड़ा अंजी खड्ड पुल भारत का पहला केबल स्टेड रेलवे पुल है। यह चिनाब के दक्षिण में गहरी अंजी नदी घाटी में फैला है, जो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन के कटरा बनिहाल खंड को जोड़ता है।यह पुल जम्मू शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर बर्फ से ढकी चोटियों की आकर्षक पृष्ठभूमि में बना है। नदी तल से 331 मीटर ऊंचाई और 725 मीटर की चौड़ाई में फैला यह पुल 96 हाई टेन्सिल केबलों द्वारा टिका है। इसके केंद्र में एक औंधा वाई आकार का स्तंभ है जो इसकी नींव से 193 मीटर ऊपर तक है। पुल में इस्तेमाल की गई केबल स्ट्रैंड की कुल लंबाई प्रभावशाली 653 किलोमीटर है। यह पूरा ढांचा उल्लेखनीय रूप से मात्र 11 महीनों की अवधि में पूरा किया गया।
इसके निर्माण में 8,200 मीट्रिक टन से ज़्यादा संरचनात्मक स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जो खड़ी ढलान और नुकीली चोटियों वाले अस्थिर पहाड़ों से घिरे इस क्षेत्र में मज़बूती और स्थायित्व सुनिश्चित करता है। भूकंप, तेज़ हवाओं और बदलते भूविज्ञान को झेलने के लिए बनाया गया अंजी खड्ड पुल मात्र एक इंजीनियरिंग उपलब्धि से कहीं बढ़कर है। यह मानवीय इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता का प्रतीक है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के हिस्से के रूप में, यह क्षेत्र में सुगम यात्रा, तेज़ पारगमन और व्यापक आर्थिक अवसर लाने का वादा करता है।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि उनकी सरकार ने अब अपने कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं, प्रधानमंत्री ने इस अवधि को गरीबों के उत्थान और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित किया तथा कई प्रमुख कल्याणकारी पहलों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख किया, जिसने 4 करोड़ निर्धन परिवारों को पक्के घर देकर उनके सपने को पूरा किया है। उज्ज्वला योजना ने 10 करोड़ घरों से धुएं को खत्म करने में मदद की है और महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा की है। आयुष्मान भारत ने 50 करोड़ वंचित नागरिकों को 5 लाख रुपये तक की निशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की, हर थाली को पर्याप्त पोषण से भर दिया, जबकि जन धन योजना ने 50 करोड़ से अधिक निर्धन व्यक्तियों के लिए बैंकिंग सुविधा प्रदान की, जिससे वे वित्तीय प्रणाली में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री ने सौभाग्य योजना का भी उल्लेख किया, जिसने अंधेरे में रहने वाले 2.5 करोड़ परिवारों को बिजली पहुंचाई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालय बनाए गए, जिससे खुले में शौच की चुनौती खत्म हुई। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन ने 12 करोड़ घरों को नल का जल उपलब्ध कराया, जिससे महिलाओं पर बोझ कम हुआ, जबकि पीएम किसान सम्मान निधि ने 10 करोड़ छोटे किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे ग्रामीण भारत मजबूत हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोगों ने गरीबी को सफलतापूर्वक दूर किया है
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि ठीक एक महीने पहले, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “जब भी पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा, उसे अपनी अपमानजनक हार की याद आएगी। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सीमा पार से गोलीबारी के कारण अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को पहले ही सरकारी सहायता के लिए नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं। गोलाबारी से प्रभावित 2,000 से अधिक परिवारों द्वारा झेली जा रही कठिनाई के प्रति संवेदनशीलता जताते हुए श्री मोदी ने पुष्टि की कि उन लोगों की पीड़ा पूरे देश की पीड़ा है।
उन्होंने कहा -जम्मू और कश्मीर माँ भारती का मुकुटरत्न है।
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Author: Goa Samachar
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