
पणजी : राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने आज राजभवन के दरबार हॉल में कुंजिकाली की मुक्ति की प्रतिध्वनि के दूसरे संस्करण का विमोचन किया। कुंजिक्काली की मुक्ति की प्रतिध्वनि एक दलित महिला के उत्थान की रहस्यपूर्ण कहानी है, जिसका मूल रूप से मलयालम से अनुवाद किया गया है। यह पुस्तक कुंजिकाली की आकर्षक कहानी का पता लगाती है, जो एक प्रतिष्ठित दलित महिला थी, जिसने प्रकृति के चार तत्वों को अपनाया और पौराणिक भूमि पुक्कैथयूर में सामाजिक मानदंडों को चुनौती दी। कथा प्रेम और घृणा, अच्छाई और बुराई के विषयों को एक साथ बुनती है, जो भावनात्मक रूप से गूंजती टेपेस्ट्री बनाती है जो पाठकों को आकर्षित करती है।
पुस्तक विमोचन समारोह में गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हरिलाल बी. मेनन और पुस्तक की लेखिका प्रो. जयलक्ष्मी तथा प्रकाशक श्री के.पी.आर. नायर मौजूद थे।

गोवा की प्रथम महिला श्रीमती रीता श्रीधरन पिल्लई भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने लोगों से गांव के जीवन से प्रेम करने का आग्रह किया। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के बाद महात्मा गांधीजी अपने गांव वापस जाना चाहते थे।
इसके अलावा राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थे कि “भारत गांवों में बसता है” यह वाक्यांश गांधीजी के इस मूल विश्वास को दर्शाता है कि भारत का असली सार और ताकत उसके ग्रामीण समुदायों में ही निहित है, राज्यपाल ने कहा।
राज्यपाल ने दलित महिला के गहरे भावपूर्ण उपन्यास के लिए लेखक और प्रकाशक को बधाई दी।
लेखिका श्रीमती जयलक्ष्मी ने एक पुस्तक लेखक के रूप में अपनी यात्रा शुरू की और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष अनूदित पुस्तक कुंजिकालीज इकोज ऑफ लिबरेशन का परिचय कराया।
राज्यपाल के सर्वोच्च गुणों पर प्रकाश डालते हुए पुस्तक की लेखिका श्रीमती जयलक्ष्मी ने कहा कि श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई की स्मरण शक्ति सर्वसमावेशी है, क्योंकि उन्हें सब कुछ हमेशा याद रहता है।
इससे पहले श्री के.पी.आर. नायर ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अपनी पुस्तक के बारे में बताया। श्री आर. मिहिर वर्धन आईएएस (सेवानिवृत्त) ने इस अवसर पर अपने विचार साझा किए।
राजभवन में पुस्तक विमोचन समारोह में राज्यपाल के सचिव श्री एम.आर.एम. राव, आईएएस उपस्थित थे।
सुश्री नंदना रमन ने पुस्तक का एक अंश पढ़ा। श्रीमती मेघा मुखर्जी ने संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया।


Author: Goa Samachar
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