डोना पौला: राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई द्वारा लिखित 212वीं पुस्तक “बेसिक स्ट्रक्चर एंड रिपब्लिक” का विमोचन केरल के चंगनाचेरी के आर्कबिशप महामहिम एच.जी. मार जोसेफ पेरुमथोट्टम की विशिष्ट उपस्थिति में किया गया। जल संसाधन विकास, सहकारिता एवं प्रोवेदोरिया मंत्री सुभाष शिरोडकर आज राजभवन के दरबार हॉल (पुराना) में उपस्थित रहे ।
पुस्तक की पहली प्रति सुभाष शिरोडकर ने चंगनाचेरी, केरल के आर्कबिशप, महामहिम एच.जी. मार जोसेफ पेरुमथोट्टम के हाथों प्राप्त की।
गोवा की प्रथम महिला श्रीमती. रीता श्रीधरन पिल्लई भी इस अवसर पर उपस्थित रही ।
अध्यक्षीय भाषण में राज्यपाल श्री पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि रामायण और महाभारत ने हमें सिखाया है कि ‘यतो धर्मस्ततो जयः’ अर्थात जहां धर्म है, वहां विजय है और यही सर्वोच्च न्यायालय का आदर्श वाक्य है। राज्यपाल ने कहा, धर्म किसी धर्म तक सीमित नहीं है।
अपनी पुस्तक की सामग्री के बारे में जानकारी देते हुए राज्यपाल ने बताया कि ‘बुनियादी संरचना और गणतंत्र’ (बेसिक स्ट्रक्चर एंड रिपब्लिक ) नामक पुस्तक स्वर्ण जयंती भाषणों पर आधारित है, विशेष रूप से केशवानंद भारती बनाम संन्यासी मामले पर, जिसका फैसला 13 न्यायाधीशों की पीठ ने 66 दिनों की सबसे लंबी सुनवाई के साथ किया था।
पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए केरल के चंगनाचेरी के आर्कबिशप महामहिम एच.जी. मार जोसेफ पेरुमथोट्टम ने कहा कि हम सभी भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं, जिसकी मौलिक संरचना हमें भारत का गौरवान्वित नागरिक होने की ताकत और आत्मविश्वास देती है। उन्होंने कहा कि भारत को राजनीतिक और सामाजिक दोनों तरह के नेताओं की जरूरत है, जो भारतीय संविधान का सम्मान करें और उसकी रक्षा करें।
संविधान के अनुच्छेद 142 के बारे में उल्लेख करते हुए, केरल के चंगनाचेरी के आर्कबिशप महामहिम एच.जी. मार जोसेफ पेरुमथोट्टम ने कहा कि संविधान देश के सर्वोच्च न्यायालय को “पूर्ण न्याय” करने की व्यापक शक्ति प्रदान करता है। सर्वोच्च न्यायालय को न्याय प्रदान करने के उच्चतम संभव उद्देश्य को प्राप्त करने में सक्षम बनाने की संवैधानिक शक्ति, भले ही किसी विशेष मामले में कानून अन्यथा कहता हो। उन्होंने सवाल किया, क्या हमारा संविधान धर्म के आदर्शों का उदाहरण नहीं है?
महामहिम एच.जी. मार जोसेफ पेरुमथोट्टम ने राज्यपाल को उनके उल्लेखनीय योगदान और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।
विचार व्यक्त करते हुए जल संसाधन विकास, सहकारिता और प्रोवेडोरिया मंत्री सुभाष शिरोडकर ने कहा, अपने राजनीतिक कार्यकाल में वह कई राज्यपालों से मिले लेकिन वर्तमान राज्यपाल एक उत्कृष्ट व्यक्ति हैं। उन्होंने बताया कि गोवा राजभवन से कंपन, अच्छे लोकाचार और विचार की हवाएं गोवा राज्य के व्यक्तित्वों की ओर बढ़ रही हैं।
श्री शिरोडकर ने आगे उल्लेख किया कि, पुस्तक बेसिक स्ट्रक्चर एंड रिपब्लिक को पढ़ने के बाद विचार उन्हें धर्म के बारे में याद दिलाते हैं, जो उन्होंने सोलह साल की उम्र में राजा समुद्र गुप्त और राजा अशोक के कॉलेज जीवन के दौरान पढ़ा था। मंत्री ने कहा, यही बात छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रशासन में भी परिलक्षित होती थी।
श्री एम.आर.एम.राव, आईएएस राज्यपाल के सचिव ने अतिथियों का स्वागत किया। राज्यपाल के विशेष अधिकारी श्री आर. मिहिर वर्धन, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने परिचयात्मक भाषण दिया।
इस अवसर पर सदानंद तनावडे, सांसद (राज्यसभा), अध्यक्ष बीजेपी गोवा प्रदेश और गोवा विश्वविद्यालय के कुलपति हरिलाल मेनन ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।

Author: Goa Samachar
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